Tuesday 31 January 2017

पिरामिड बसन्त पर


गई
बसन्त
पीली पीली
सरसों खिली
अम्बुआ डार पे
कोयलिया कुहके
,
लो
छाई
बहार
अंगना में
खिलते फूल
वन उपवन
चले हवा बसन्ती

रेखा जोशी

सत्य असत्य


नीर  क्षीर जहाँ   घुल  जाये
तब  क्षीर भी बन जल जाये 
जान सके जो सत्य असत्य
हंस  गर   कोई  मिल  जाये

रेखा जोशी

है पीली पीली सरसों खेत में उस पार


आया  बसंत  आँगन  में  चले  मस्त  बयार 
मिलजुल  कर रहना सीखें  सबसे करें प्यार 
खिलता तन मन आज उड़ती चुनरिया पीली 
है  पीली   पीली  सरसों    खेत   में  उसपार

रेखा जोशी

बसंत/पतझड़


बसन्त

गुलाबों का मौसम बगिया में बहार
कुहुकती कोयलिया अम्बुआ की डार
मचलते अरमां थिरक रहे झूम झूम
हौले हौले बह रही बसंती बयार
,
पतझड़

खोये हो कहाँ  अपना भूला अंगना
हुआ जीवन अब पतझड़ छूटा अंगना
बिखर गये पत्ते सभी टूट कर डार से
कैसी चली हवा सूना सूना अंगना

रेखा जोशी

Monday 30 January 2017

पत्थरों के शहर में

देखे भीड़ में
हमने
बिखरते रिश्ते
सिसक रहे
जीवन की भाग दौड़ में
भाषा प्रेम की
कोई नहीं जानता
देखे
पत्थरों के शहर में
टूटते रिश्ते

रेखा जोशी

कोमल और सुंदर त्वचा की देखभाल


कोमल और सुन्दर त्वचा की देखभाल के लिये टिप्स

1हमारी त्वचा काफी मुलायम होती है इसलिये त्वचा को हमेशा हल्के हाथों से पोंछें,इसे रगड़ना नही चाहिये ।

2हमे अपनी त्वचा की नियमित  रूप से देखभाल करनी चाहिये,साबुन के स्थान इसे फेस वॉश से धोना चाहिये।

3रात को सोने से पहले अपने चेहरे से मेकअप  को साफ़  कर देना चाहिये,मेकअप हमेशा क्लींज़र से साफ करना चाहिये।

4 अगर आपकी त्वचा तैलीय है तो टोनर का उपयोग करना चाहिये।

5त्वचा की सेहत के लिये जंक फूड और तले हुए खाने से परहेज़ करना चाहिये ।

6चमकदार त्वचा के लिये सदा पोषक आहार का सेवन करना चाहिये।

7हाइपर पिगमेंटेशन और मुहासों  से बचने के लिये हरि सब्ज़ियाँ, फल और सलाद का भरपूर सेवन करना चाहिये ।

8मूली, शिमला मिर्च और खीरे के सेवन से त्वचा मुलायम,लचीली औरत्वचा पर  झुर्रियां कम पड़ती है ।

रेखा जोशी

Sunday 29 January 2017

छोड़ दो बीत गई जो बातें

2122  1212  22

प्यार में यूँ दगा नहीं करते
राह अपनी जुदा नहीं करते
,
आप को प्यार का सबब मिलता
जान तुमसे जफ़ा नहीं करते
,
काश आते न ज़िन्दगी में तुम
ज़िन्दगी से हम गिला नही करते
,
यार से क्या गिला करें अब हम
ज़िन्दगी यूँ जिया नहीं करते
,
छोड़ दो बीत जो गई बाते
ज़िक्र क्यों आज का नहीं करते

रेखा जोशी

करना कृपा सदा यहाँ

ये  ज़िन्दगी सँवार दे 
माँ प्यार से  सुधार दे
करना कृपा सदा यहाँ
माँ प्रीत तू अपार दे

रेखा जोशी

Saturday 28 January 2017

चौपाई

राम नाम हृदय  में बसाया
कुछ नहीं अब हमे है भाया
..
राम नाम के गुण सब गायें 
नाम बिना कुछ नहीं सुहाये
...
सीताराम भजो मन प्यारे
दुखियों के सब कष्ट  निवारे
..
 भगवन जिसके ह्रदय समाये
 पीड़ा रोग पास ना  आये

दीन बंधु सबका रखवाला
कर कृपा अपनी नंदलाला
..
एक ही सहारा प्रभु  नाम का
पी ले प्याला राम नाम का
....
राम नाम घट घट का वासी
चारो धाम ह्रदय में काशी
..
मन के तार प्रभु से मिला ले
है भक्तों के राम रखवाले

दुःख निवारे हरे सब पीड़ा
राखो  मन अपने रघुवीरा
.
दे दो प्रभु  तुम हमे सहारे
मीत  बनो तुम ईश  हमारे

रेखा जोशी


मीत आज ज़िन्दगी हमें  रही पुकार है
रूप देख ज़िन्दगी खिली यहां बहार है
पास पास  हम रहें मिले ख़ुशी हमें सदा 
छोड़ना न हाथ साथ साथ हम चले सदा
,,,

चलो ज़िंदगी का अब कर लें दीदार
जी लें हर लम्हा  जीत मिले या हार
आगे आगे हम  पीछे चलती मौत
न जाने कब छोड़ कर चल दें संसार

रेखा जोशी

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Friday 27 January 2017

तीन रंग की चुनरी लहराए हवा में

उड़ता जाये आँचल मन भाये हवा में
खिली खिली  बगिया महकाये हवा में
उत्सव आज़ादी का मना रहे सभी
तीन रंग की चुनरी लहराये हवा में

रेखा जोशी

Thursday 26 January 2017

मापनी ---1222 1222 1222
समान्त --आन
पदान्त ---आँखों पे

रहेगी देश की अब शान आँखों पे
तिरंगे का करें सम्मान आँखों पे

जहाँ में देश चमकेगा सदा भारत
रहेगा देश का अब नाम आँखों पे

करें हम नमन भारत के जवानों को
शहीदों का रखेंगे मान आँखों पे
....
करेंगे खत्म घोटाले सभी मिल कर
रखेंगे देश का अभिमान आँखों पे

मिला कर कदम चलते ही रहेंगे हम
रखेंगे देश की अब आन आँखों पे

रेखा जोशी


याद तेरी हमें आज आने लगी 
मधुर स्वर में ज़िन्दगी गाने लगी
....

चाँद ने ली आज अंगड़ाई सजन 
चाँदनी अब  यहाँ मुस्कुराने  लगी 
.... 
रात काली यहाँ  बिन सजन प्यार के 
दीप की रोशनी जगमगाने लगी 
.... 
नाम लेकर पुकारें नज़ारे यहाँ 
अब पवन भी हमें तो बुलाने लगी 
.... 
थाम लो  हाथ तुम अब हमारा सजन 
प्रीत भी गीत अब गुनगुनाने लगी 

रेखा जोशी 

मुक्तक

मुक्तक  कसम

बहार बन के जीवन में आये हो तुम
प्रीत के गीत  संग गुनगुनाये हो तुम
कसम से तुमको प्यार करते बेशुमार
खुशियाँ ज़िन्दगी में बहुत लाये हो तुम

प्यार

हर घड़ी प्यार से चहकने है  लगी
ज़िन्दगी तो सजन सँवरने है लगी
छोड़ना साथ मेरा न तुम फिर सजन
आज   राहें यहाँ  महकने है लगी

रेखा जोशी 

Wednesday 25 January 2017

दास्ताँ यह हमारी अधूरी यहाँ

आधार छंद - वाचिक स्रग्विणी 

वाचिक मापनी - 212 212 212 212 

ज़िन्दगी की कहानी रही अनकही
अब सुनायें किसे यह रही अनसुनी
दास्ताँ    यह  हमारी  अधूरी  यहाँ
है  नहीं  ज़िन्दगी  आज  पूरी यहाँ

रेखा जोशी

Monday 23 January 2017

लौट आओ प्रिये घर अपनेदिल हमारा पुकारे

कैसे जियें हम तुम्हारे बिन देखे हमे ज़माना
है करते इंतज़ार तेरा पिया घर चले आना
,
सूना सूना अँगना साजन रस्ता  निहारे नैना
आँखों से अब  बरसे सावन दिल हुआ दिवाना
,
करवटें बदलते रहते हम  सारी सारी रातें
पल पल आते हो याद हमें साजन भूल न जाना
,
टूटा बन्धन आस न टूटी  खिलेगा यहाँ आंगन
आ जाओ अब मोरे सजना बगिया फिर महकाना
,
लौट आओ प्रिये घर अपने दिल हमारा पुकारे
दुःख में डूब रही ज़िन्दगी ख़ुशी भी  संग लाना

रेखा जोशी

आगे आगे हम पीछे चलती मौत


चलो ज़िंदगी का अब कर लें दीदार
जी लें हर लम्हा  जीत मिले या हार
आगे आगे हम  पीछे चलती मौत
न जाने कब छोड़ कर चल दें संसार

रेखा जोशी

Thursday 19 January 2017

तकते रहे राह पागल नैना हमारे

प्यार हमारा शायद आया न तुम्हे रास
प्रेमपथ छोड़ तुमने  क्यों ले लिया सन्यास
तकते रहे राह  पागल नैना  हमारे
जल रहे पिया दिन रात टूटी नहीं आस

रेखा जोशी

तुमको कसम हमारी तुम छोड़ कर न जाना


मापनी  - 221  2122  221  2122

तुम   ज़िन्दगी  हमारी में  प्यार साथ  लाना
अब  प्रीत  ज़िन्दगी  में   ऐसे  सदा निभाना
आओ सजन  यहाँ हम मिल गीत गुनगुनाये
तुमको कसम हमारी तुम छोड़ कर न जाना

रेखा जोशी

मिल जाये अगर गर्मागर्म चाय का प्याला

है सर्द  मौसम और ठंडी शीतल हवायें
ठिठुरते कांपते सभी फिर भी सर्दी भाये
मिल जाये अगर गर्मागर्म चाय का प्याला
बदन को गर्मी और दिल को चैन आ जायें

रेखा जोशी

Monday 16 January 2017

पास पास हम रहें मिले ख़ुशी हमें सदा


मीत आज ज़िन्दगी हमें  रही पुकार है
रूप देख ज़िन्दगी खिली यहां बहार है
पास पास  हम रहें मिले ख़ुशी हमें सदा
छोड़ना न हाथ साथ साथ हम चले सदा

रेखा जोशी

Sunday 15 January 2017

रही अधूरी कहानी हमारी


है उदास  ज़िन्दगानी   हमारी
मिटा दी पिया  जवानी हमारी
तोड़ दिया  सजन वादा आपने 
रही   अधूरी  कहानी  हमारी

रेखा जोशी

Tuesday 10 January 2017

आधार छंद - रोला 
समांत - आया, अपदांत
खिली बहारे आज ,सजन अब मौसम भाया 
मिला हमे है प्यार ,सजन ने साथ निभाया
...
पिया न जाना  दूर ,तुमने सितम है ढाया
बिना तुम्हारे सजन ,बहुत दुख हमने पाया

रेखा जोशी 



Monday 9 January 2017

सिलसिला प्यार का न टूटे अब


याद तेरी  सता रही है मुझे 
ज़िन्दगी अब बुला रही है मुझे 

चोट खाते  रहे  यहाँ साजन 
पीड़  दिल की जला  रही है मुझे 

छिप गये हो कहाँ जहां  में तुम 
याद फिर आज आ रही है मुझे 
.. 
सिलसिला प्यार का न टूटे अब 
मौत जीना सिखा  रही है मुझे 
... 
आ मिला कर चलें कदम हम तुम 
चाह तेरी  लुभा रही है मुझे 

रेखा जोशी 

मौतजीना सीखा रही है मुझे


याद तेरी  सता रही है मुझे 
ज़िन्दगी अब बुला रही है मुझे 

चोट खाते  रहे  यहाँ साजन 
पीड़  दिल की जला  रही है मुझे 

छिप गये हो कहाँ जहाँ में तुम 
याद फिर आज आ रही है मुझे 
.. 
सिलसिला प्यार का न टूटे अब 
मौत जीना सिखा  रही है मुझे 
... 
आ मिला कर चलें कदम हम तुम 
चाह तेरी  लुभा रही है मुझे 

रेखा जोशी 


Sunday 8 January 2017

विश्व विजेता बने भारत हमारा

तिरंगे का अपने मान करना है
भारत  पर हमें अभिमान करना है
विश्व विजेता बने भारत  हमारा
दुनिया ने  इसका सम्मान करना है
रेखा जोशी

Friday 6 January 2017

काश प्रियतम रहें संग हम तुम

चाँद  तारे  सजायें   गगन को 
फूल महका रहे  अब  पवन को 
काश प्रियतम रहें संग हम तुम 
बात  कैसे  कहें  हम सजन को 

रेखा जोशी 

Monday 2 January 2017


बहरे- रमल मुसम्मन महज़ूफ़
अर्कान= फ़ाइलातुन, फ़ाइलातुन, फ़ाइलातुन, फ़ाइलुन
तक़्तीअ= 2122, 2122, 2122, 212 पर.

तोड़ कर वह दिल हमारा मुस्कुरा कर चल दिए
बेबसी पर वह हमारी खिलखिलाकर चल दिए
,,
रात की तन्हाइयों में चाँद छुप कर खो गया
रौशनी भी  चाँद की  साजन चुराकर चल दिए
,,
प्यार कर हमको अकेला राह में छोड़ा क्यों
आसमाँ  हमको दिखा कर फिर गिराकर चल दिए 
,,
दिल हमारे को खिलौना जान कर तोडा सजन
आग सीने में हमारे तुम लगाकर चल दिए
,,
ज़िन्दगी ने  है दिखाये गम बहुत रेखा हमें
ज़िन्दगी भर के लिए वह तो भुलाकर चल दिए

रेखा जोशी