आ
गई
बसन्त
पीली पीली
सरसों खिली
अम्बुआ डार पे
कोयलिया कुहके
,
लो
छाई
बहार
अंगना में
खिलते फूल
वन उपवन
चले हवा बसन्ती
रेखा जोशी
आ
गई
बसन्त
पीली पीली
सरसों खिली
अम्बुआ डार पे
कोयलिया कुहके
,
लो
छाई
बहार
अंगना में
खिलते फूल
वन उपवन
चले हवा बसन्ती
रेखा जोशी
नीर क्षीर जहाँ घुल जाये
तब क्षीर भी बन जल जाये
जान सके जो सत्य असत्य
हंस गर कोई मिल जाये
रेखा जोशी
आया बसंत आँगन में चले मस्त बयार
मिलजुल कर रहना सीखें सबसे करें प्यार
खिलता तन मन आज उड़ती चुनरिया पीली
है पीली पीली सरसों खेत में उसपार
रेखा जोशी
बसन्त
गुलाबों का मौसम बगिया में बहार
कुहुकती कोयलिया अम्बुआ की डार
मचलते अरमां थिरक रहे झूम झूम
हौले हौले बह रही बसंती बयार
,
पतझड़
खोये हो कहाँ अपना भूला अंगना
हुआ जीवन अब पतझड़ छूटा अंगना
बिखर गये पत्ते सभी टूट कर डार से
कैसी चली हवा सूना सूना अंगना
रेखा जोशी
देखे भीड़ में
हमने
बिखरते रिश्ते
सिसक रहे
जीवन की भाग दौड़ में
भाषा प्रेम की
कोई नहीं जानता
देखे
पत्थरों के शहर में
टूटते रिश्ते
रेखा जोशी
कोमल और सुन्दर त्वचा की देखभाल के लिये टिप्स
1हमारी त्वचा काफी मुलायम होती है इसलिये त्वचा को हमेशा हल्के हाथों से पोंछें,इसे रगड़ना नही चाहिये ।
2हमे अपनी त्वचा की नियमित रूप से देखभाल करनी चाहिये,साबुन के स्थान इसे फेस वॉश से धोना चाहिये।
3रात को सोने से पहले अपने चेहरे से मेकअप को साफ़ कर देना चाहिये,मेकअप हमेशा क्लींज़र से साफ करना चाहिये।
4 अगर आपकी त्वचा तैलीय है तो टोनर का उपयोग करना चाहिये।
5त्वचा की सेहत के लिये जंक फूड और तले हुए खाने से परहेज़ करना चाहिये ।
6चमकदार त्वचा के लिये सदा पोषक आहार का सेवन करना चाहिये।
7हाइपर पिगमेंटेशन और मुहासों से बचने के लिये हरि सब्ज़ियाँ, फल और सलाद का भरपूर सेवन करना चाहिये ।
8मूली, शिमला मिर्च और खीरे के सेवन से त्वचा मुलायम,लचीली औरत्वचा पर झुर्रियां कम पड़ती है ।
रेखा जोशी
2122 1212 22
प्यार में यूँ दगा नहीं करते
राह अपनी जुदा नहीं करते
,
आप को प्यार का सबब मिलता
जान तुमसे जफ़ा नहीं करते
,
काश आते न ज़िन्दगी में तुम
ज़िन्दगी से हम गिला नही करते
,
यार से क्या गिला करें अब हम
ज़िन्दगी यूँ जिया नहीं करते
,
छोड़ दो बीत जो गई बाते
ज़िक्र क्यों आज का नहीं करते
रेखा जोशी
ये ज़िन्दगी सँवार दे
माँ प्यार से सुधार दे
करना कृपा सदा यहाँ
माँ प्रीत तू अपार दे
रेखा जोशी
राम नाम हृदय में बसाया
कुछ नहीं अब हमे है भाया
..
राम नाम के गुण सब गायें
नाम बिना कुछ नहीं सुहाये
...
सीताराम भजो मन प्यारे
दुखियों के सब कष्ट निवारे
..
भगवन जिसके ह्रदय समाये
पीड़ा रोग पास ना आये
…
दीन बंधु सबका रखवाला
कर कृपा अपनी नंदलाला
..
एक ही सहारा प्रभु नाम का
पी ले प्याला राम नाम का
....
राम नाम घट घट का वासी
चारो धाम ह्रदय में काशी
..
मन के तार प्रभु से मिला ले
है भक्तों के राम रखवाले
…
दुःख निवारे हरे सब पीड़ा
राखो मन अपने रघुवीरा
.
दे दो प्रभु तुम हमे सहारे
मीत बनो तुम ईश हमारे
रेखा जोशी
उड़ता जाये आँचल मन भाये हवा में
खिली खिली बगिया महकाये हवा में
उत्सव आज़ादी का मना रहे सभी
तीन रंग की चुनरी लहराये हवा में
रेखा जोशी
मापनी ---1222 1222 1222
समान्त --आन
पदान्त ---आँखों पे
रहेगी देश की अब शान आँखों पे
तिरंगे का करें सम्मान आँखों पे
…
जहाँ में देश चमकेगा सदा भारत
रहेगा देश का अब नाम आँखों पे
…
करें हम नमन भारत के जवानों को
शहीदों का रखेंगे मान आँखों पे
....
करेंगे खत्म घोटाले सभी मिल कर
रखेंगे देश का अभिमान आँखों पे
…
मिला कर कदम चलते ही रहेंगे हम
रखेंगे देश की अब आन आँखों पे
…
रेखा जोशी
याद तेरी हमें आज आने लगी
मधुर स्वर में ज़िन्दगी गाने लगी
....
चाँद ने ली आज अंगड़ाई सजन
चाँदनी अब यहाँ मुस्कुराने लगी
....
रात काली यहाँ बिन सजन प्यार के
दीप की रोशनी जगमगाने लगी
....
नाम लेकर पुकारें नज़ारे यहाँ
अब पवन भी हमें तो बुलाने लगी
....
थाम लो हाथ तुम अब हमारा सजन
प्रीत भी गीत अब गुनगुनाने लगी
रेखा जोशी
मुक्तक कसम
बहार बन के जीवन में आये हो तुम
प्रीत के गीत संग गुनगुनाये हो तुम
कसम से तुमको प्यार करते बेशुमार
खुशियाँ ज़िन्दगी में बहुत लाये हो तुम
प्यार
हर घड़ी प्यार से चहकने है लगी
ज़िन्दगी तो सजन सँवरने है लगी
छोड़ना साथ मेरा न तुम फिर सजन
आज राहें यहाँ महकने है लगी
रेखा जोशी
आधार छंद - वाचिक स्रग्विणी
वाचिक मापनी - 212 212 212 212
ज़िन्दगी की कहानी रही अनकही
अब सुनायें किसे यह रही अनसुनी
दास्ताँ यह हमारी अधूरी यहाँ
है नहीं ज़िन्दगी आज पूरी यहाँ
रेखा जोशी
कैसे जियें हम तुम्हारे बिन देखे हमे ज़माना
है करते इंतज़ार तेरा पिया घर चले आना
,
सूना सूना अँगना साजन रस्ता निहारे नैना
आँखों से अब बरसे सावन दिल हुआ दिवाना
,
करवटें बदलते रहते हम सारी सारी रातें
पल पल आते हो याद हमें साजन भूल न जाना
,
टूटा बन्धन आस न टूटी खिलेगा यहाँ आंगन
आ जाओ अब मोरे सजना बगिया फिर महकाना
,
लौट आओ प्रिये घर अपने दिल हमारा पुकारे
दुःख में डूब रही ज़िन्दगी ख़ुशी भी संग लाना
रेखा जोशी
चलो ज़िंदगी का अब कर लें दीदार
जी लें हर लम्हा जीत मिले या हार
आगे आगे हम पीछे चलती मौत
न जाने कब छोड़ कर चल दें संसार
रेखा जोशी
प्यार हमारा शायद आया न तुम्हे रास
प्रेमपथ छोड़ तुमने क्यों ले लिया सन्यास
तकते रहे राह पागल नैना हमारे
जल रहे पिया दिन रात टूटी नहीं आस
रेखा जोशी
मापनी - 221 2122 221 2122
तुम ज़िन्दगी हमारी में प्यार साथ लाना
अब प्रीत ज़िन्दगी में ऐसे सदा निभाना
आओ सजन यहाँ हम मिल गीत गुनगुनाये
तुमको कसम हमारी तुम छोड़ कर न जाना
रेखा जोशी
है सर्द मौसम और ठंडी शीतल हवायें
ठिठुरते कांपते सभी फिर भी सर्दी भाये
मिल जाये अगर गर्मागर्म चाय का प्याला
बदन को गर्मी और दिल को चैन आ जायें
रेखा जोशी
मीत आज ज़िन्दगी हमें रही पुकार है
रूप देख ज़िन्दगी खिली यहां बहार है
पास पास हम रहें मिले ख़ुशी हमें सदा
छोड़ना न हाथ साथ साथ हम चले सदा
रेखा जोशी
है उदास ज़िन्दगानी हमारी
मिटा दी पिया जवानी हमारी
तोड़ दिया सजन वादा आपने
रही अधूरी कहानी हमारी
रेखा जोशी
बहरे- रमल मुसम्मन महज़ूफ़
अर्कान= फ़ाइलातुन, फ़ाइलातुन, फ़ाइलातुन, फ़ाइलुन
तक़्तीअ= 2122, 2122, 2122, 212 पर.
तोड़ कर वह दिल हमारा मुस्कुरा कर चल दिए
बेबसी पर वह हमारी खिलखिलाकर चल दिए
,,
रात की तन्हाइयों में चाँद छुप कर खो गया
रौशनी भी चाँद की साजन चुराकर चल दिए
,,
प्यार कर हमको अकेला राह में छोड़ा क्यों
आसमाँ हमको दिखा कर फिर गिराकर चल दिए
,,
दिल हमारे को खिलौना जान कर तोडा सजन
आग सीने में हमारे तुम लगाकर चल दिए
,,
ज़िन्दगी ने है दिखाये गम बहुत रेखा हमें
ज़िन्दगी भर के लिए वह तो भुलाकर चल दिए
रेखा जोशी