Saturday, 21 December 2024
जिंदगी से प्यार कर
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जो मिली है हमें वो जिंदगी स्वीकार कर जीने को मिली यहाँ जिंदगी से प्यार कर .. धूप भी मिलती यहाँ छाँव भी मिलती यहाँ जीत भी मिलती यहाँ हार भी...
Friday, 8 November 2024
मुक्तक
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आधार छंद द्विगुणित चौपाई, मात्रा 16,16 सूखे खेत सूखे खलिहान, भूमिपुत्र के मुख पर निराशा बरसा दो अंबर से पानी, विनती प्रभु से करे हताशा लहल...
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Monday, 4 November 2024
चिंतन मनन जरुरी है...,
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चिंतन मनन जरुरी है..., लक्ष्य प्राप्ति के लिए शांत मन से चिंतन मनन जरुरी है मनन कर मन हमारा बन जाता दोस्त दृढ विचार दृढ मन दृढ संकल्प है ...
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Wednesday, 25 September 2024
कर लो प्रभुवर का ध्यान
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भजन है शीश झुकाये रघुवर हम, हो रखते हमारा मान हाथ जोड़कर अपने तुम,कर लो प्रभुवर का ध्यान अंधेरा था जीवन मेरा ,आस की जोत जगाई जब जब तुझे प...
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Thursday, 29 August 2024
अभिमान नहीं स्वाभिमान है मेरा
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छंदमुक्त रचना बहुत प्यार है देश अपने से मान नहीं ईमान है मेरा बसती भारत में अपनी जान है अभिमान नहीं स्वाभिमान है मेरा .. सदियों पुरानी ...
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Thursday, 25 July 2024
मैं चलता ही गया
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करता रहा सामना मुश्किलों का जिंदगी के सफर में और मैं चलता ही गया रुका नहीं, झुका नहीं ऊँचे पर्वत गहरी खाई मैं लांघता गया और मैं चलता ही गया ...
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Wednesday, 10 July 2024
221 2122 , 221 2122
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.मापनी - 221 2122 , 221 2122 तुम दूर जा रहे हो , मत फिर हमे बुलाना अब प्यार में सजन यह ,फिर बन गया फ़साना ... शिकवा नहीं करेंगे ,...
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