विजयादशमी की हार्दिक बधाई
जलता है रावण धू धू कर
भारत में हर वर्ष हर गली हर शहर
रावण बुराई का प्रतीक, उसे जला कर
है अच्छाई जाती जीत
क्या वास्तव में रावण के पुतला जलाने पर
बुराई हो जाती भस्म राख बन कर
है रहता रावण हमारे अंतस में
रावण मरता नहीं कभी
अमृत नाभि में उसके है अभी भी
बार बार जीवित हो उठता
हमारे अंतस का रावण
है मिटाना गर बुराई को तो
झाँक ले अपने भीतर
जला कर अंतस के रावण को
खाक होंगी बुराई तभी फिर
ध्वज लहराएगा अच्छाई का सब ओर फिर
रेखा जोशी
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