Wednesday 24 April 2024
दोस्त
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जीवन में कुछ दोस्त इस कदर जुड़ जाते हैँ और जिंदगी जीना फिर से सिखला जाते हैँ .. जब गम के अंधेरों में भटकते हैं तन्हा तब पोंछने को आंसू ...
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Sunday 21 April 2024
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गीतिका दिल मचलता रहा पर उनसे ना मुलाकात हुई बीता दिन इंतज़ार में अब तो सजन रात हुईं रिमझिम बरसती बूंदों से है नहाया तन बदन आसमान से आज फ...
Friday 12 April 2024
ज़िन्दगी की तूलिका
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छंद मुक्त रचना यह जो है ज़िन्दगी की तूलिका अक्सर बिखेरती रहती अनेकानेक रंग हमारे जीवन के केनवस पर हार जीत के रंग ख़ुशी गम लिए रंग सुख दुख...
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Sunday 7 April 2024
आईना झूठ नहीं बोलता
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विधा --छंदमुक्त आईना जो कहे वह सदा सच नहीं होता है दिखलाता वही तुम्हें जो देखना चाहते हो तुम छुपा कर सच है झूठ बोलता वोह धुंधला गया ह...
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Wednesday 3 April 2024
भयानक काली रात
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वोह खौफ़नाक मंजर आते ही याद केदारनाथ धाम की वोह शाम थी भयानक काली रात जब तबाही ही तबाही थी हर ओर कांप उठती है रूह अभी भी जब था दिखलाया ...
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Sunday 31 March 2024
भारत माँ को बचाना है
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जागो भारत के वीर सपूतो डूब रहा यह देश हमारा भारत माँ को बचाना है इसे लूट रहे भाई बंधु तेरे खनकते पैसों से हैं पगलाये भर रहे सब अपना घर त...
गीत
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गीत आधार छन्द- रास छंद 8,8,6 पर यति इसमें चार चरण होते हैं हर चरण में 22 मात्राएं होती हैं चरण के अंत में 112 अनिवार्य है दो क्रमागत ...
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