Friday, 14 March 2014
फिर सुबह होगी
समुद्र तट पर
चल रहे किनारे किनारे
मचा रही शोर
आती जाती लहरे
सूरज चूम रहा
सागर का आंचल
रंग सिंदूरी चमक रहा
आसमां भरा गुलाल
जीवन चलता रहा
ढलती है शाम
फिर सुबह होगी
होगा नव नाम
रेखा जोशी
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