Tuesday, 18 November 2014
इतने भी सनम तुम मगरूर क्यों हो
मुहब्बत में इतने मजबूर क्यों हो
पास रह कर भी हमसे दूर क्यों हो
हमने तो तुमसे बस माँगी थी वफ़ा
इतने भी सनम तुम मगरूर क्यों हो
रेखा जोशी
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