Monday, 24 November 2014
हाइकु
है लहराती
दामन पहाड़ का
बहती चली
……………
चमचमाती
पहाड़ से लिपटी
नदी बहती
………….
आकाश पर
चाँद और सूरज
रहे विचर
…………
है आते जाते
खेलें आँख मिचोली
सूरज चाँद
रेखा जोशी
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