Tuesday, 3 February 2015
बहुत रुलाया तुम्हे इस ज़ालिम जमाने के तानो ने
मोतियों से आँसू जब तेरी आँखों से बहते है
इस दिल में इक टीस सी उठती है जिसे हम सह्ते है
बहुत रुलाया तुम्हे इस ज़ालिम जमाने के तानो ने
आ छुपा लूँ दिल में दिलोजाँ से हम तुम्हे चाहते है
रेखा जोशी
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