Friday, 20 March 2015
आ गये मस्ती भरे तराने मेरे लब पे आज
दीप कलश जगमगाने लगे मेरे घर में आज
झंकृत हो बजने लगे तार मेरे दिल के आज
उनके आने की खबर सुन के छा गई बहारे
आ गये मस्ती भरे तराने मेरे लब पे आज
रेखा जोशी
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment