Monday, 20 July 2015
जाने अब कहाँ नज़ारे चले गये
जाने अब कहाँ नज़ारे चले गये
जीने के सभी सहारे चले गये
ढल गया दिन भी और छुप गया चाँद
जाने सब कहाँ सितारे चले गये
रेखा जोशी
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