Sunday, 7 February 2016
टूटते आईने से बिखरते रिश्ते
जीवन
की डोर से
होते बँधे रिश्ते
जीवन भर निभाते
सच्चे झूठे रिश्ते
कभी हँसाते कभी रुलाते
लेकिन कोई न समझा
इन खूबसूरत
रिश्तों का मोल
आँख भर आती
और
चटख जाते
दर्द मिलता जब
टूटते आईने से
तब बिखर जाते रिश्ते
रेखा जोशी
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment