Friday, 22 April 2016
कर्मों का हिसाब यहाँ सभी ने चुकाना
झूठे हो तुम मत बातों से बहलाना
है आया नहीं ज़िंदगी तुम्हें निभाना
ज़िंदगी जीना यहॉं नहीं कोई खेल
कर्मों का हिसाब यहाँ सभी ने चुकाना
रेखा जोशी
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