Sunday, 10 April 2016
है लगी आग कहीं पर गोलियाँ चल रही कहीं
छाया आतँक का साया यहाँ वहाँ दुनिया में
बिगड़ चुका देख अब चाल चलन यहाँ दुनिया में
है लगी आग कहीं पर गोलियाँ चल रही कहीं
जूझ रहा देश इस दलदल में धँसा दुनिया में
धसना
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