Saturday, 21 May 2016
न मिलने दिया ज़माने ने हमे
माना कि प्यार निस्वार्थ तुम्हारा
था माँगा हमने तो हाथ तुम्हारा
न मिलने दिया ज़माने ने हमे
न पाया हमने कभी साथ तुम्हारा
रेखा जोशी
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment