Tuesday, 25 October 2016
खिली है धूप आंगन में हमारे अब
सजन मिल आशियाना अब बसाना है
हमें तो प्यार तुमसे ही निभाना है
खिली है धूप आंगन में हमारे अब
मिली है ज़िन्दगी तो मुस्कुरायें अब
रेखा जोशी
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment