Tuesday, 25 April 2017
बरस रहा अंगार नभ से
सूखी नदियाँ सूखे ताल
जीना हुआ अब तो मुहाल
बरस रहा अंगार नभ से
है धरती पर पड़ा अकाल
रेखा
जोशी
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