Friday, 22 May 2020
मुक्तक
आसमान में चाँद तारे जगमगायेंगे
खिले फूल बगिया भंवरे गुनगुनायेंगे
गीत गाये मधुर कुहूक कुहूक कोयलिया
आपस में प्यार भरे जब दिल मिल जायेंगे
रेखा जोशी
2 comments:
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
22 May 2020 at 17:09
सुन्दर मुक्तक
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Onkar
22 May 2020 at 22:51
सुन्दर प्रस्तुति
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सुन्दर मुक्तक
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति
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