Tuesday, 28 June 2022
छन्द प्रज्ञा मुक्तक
मुक्तक
सुन्दर काया, झूमो गाओ ,देखो प्रीत बढाएंगे
सब को हँसाओ, आओ साथी ,दोनो रीत निभाएंगे
प्रियतम मेरे, मीठी वाणी, डाली कोयलिया बोले
सुमधुर बोली,गाती भाती, गोरी की सखियां बोलें
रेखा जोशी
2 comments:
Onkar
1 July 2022 at 06:52
बहुत सुंदर
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कविता रावत
7 July 2022 at 04:40
सुन्दर काया, झूमो गाओ ,देखो प्रीत बढाएंगे
सब को हँसाओ, आओ साथी ,दोनो रीत निभाएंगे
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बहुत सुंदर
ReplyDeleteसुन्दर काया, झूमो गाओ ,देखो प्रीत बढाएंगे
ReplyDeleteसब को हँसाओ, आओ साथी ,दोनो रीत निभाएंगे