Saturday, 8 July 2023
बढ़ता चल निरंतरपूर्णता की ओर
आये कहाँ से
हम
इस दुनिया में
जाएँ गे कहाँ
हम
नही जानते
क्या है मकसद
इस जीवन का
खाना पीना और सोना
याँ
पोषण परिवार का
करते यह तो पशु पक्षी भी
ध्येय मानव का
है कुछ और
जगत में आया
उत्थान कर अपना
कुछ कर कर्म ऐसा
और
बढ़ता चल निरंतर
पूर्णता की ओर
रेखा जोशी
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