Wednesday 3 July 2024

आंखे मिलाने से

जब आंखो ही आंखो से होती है बात 
तब धड़कने लगता है दिल बेचारा 
नासमझ पगला यूँही दीवाना हो जाता है 
आंखे मिलाने से 

है आंखो ही आंखो में जब होते इशारे 
नहीं रह पाता दिल बस में हमारे 
बेबस हो जाता यह दिल बेचारा
चाहने लगता प्रियतम का सहारा 
इक हूक इक कसक उठती है सीने में 
ख्वाब हजारों लगते हैं सजने 
है जग जाती आस मिलन की
दिल दीवाने को 
नासमझ पगला यूँही दीवाना हो जाता है 
आंखे मिलाने से 

रेखा जोशी 




No comments:

Post a Comment