Friday, 8 November 2024
मुक्तक
आधार छंद द्विगुणित चौपाई, मात्रा 16,16
सूखे खेत सूखे खलिहान, भूमिपुत्र के मुख पर निराशा
बरसा दो अंबर से पानी, विनती प्रभु से करे हताशा
लहलहा रही थी हरी भरी, कभी खेतों में फसलें यहाँ
खड़ा चौराहे नयन नभ पे, है काले बादल की आशा
रेखा जोशी
Monday, 4 November 2024
चिंतन मनन जरुरी है...,
चिंतन मनन जरुरी है...,
लक्ष्य प्राप्ति के लिए
शांत मन से चिंतन मनन जरुरी है
मनन कर मन हमारा बन जाता दोस्त
दृढ विचार दृढ मन दृढ संकल्प
है पथ प्रकाशित करते
सफलता की मंजिल का
लक्ष्य प्राप्ति के लिए
शांत मन से चिंतन मनन जरुरी है
चिंता मत करना रे भैया
चिंता तो चिता सामान है
रोगग्रस्त कर देगी तुम्हें जीवन भर
मन से चिंतन मनन कर देख
जीवन सफल हो जायेगा
लक्ष्य प्राप्ति के लिए
शांत मन से चिंतन मनन जरुरी है
रेखा जोशी
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