भजन
है शीश झुकाये रघुवर हम, हो रखते हमारा मान
हाथ जोड़कर अपने तुम,कर लो प्रभुवर का ध्यान
अंधेरा था जीवन मेरा ,आस की जोत जगाई
जब जब तुझे पुकारा मैंने , दौड़े आए रघुराई
कृपा करे भगवन सदा ही, कल्याण करते भगवान
हाथ जोड़कर अपने तुम,कर लो प्रभुवर का ध्यान
..
जो माँगा वो पाया तुमसे,है भर दी खाली झोली
बिन मांगे भी पाया तुमसे, हमारे राम हमजोली
तुम बिन कोई नहीं सहारा, हैं गाएं सभी गुणगान
हाथ जोड़कर अपने तुम,कर लो प्रभुवर का ध्यान
है शीश झुकाये रघुवर हम,हो रखते हमारा मान
हाथ जोड़कर अपने तुम,कर लो प्रभुवर का ध्यान
रेखा जोशी
बहुत सुंदर
ReplyDeleteसादर आभार
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