Sunday, 6 October 2013
प्रेम सागर
जला कर ज्योति प्रेम की पार
हुए
भव सागर से
तर गए संत फकीर छलकाए प्रेमरस गागर से
प्रेम पूजा प्रेम शिव सबसे प्रेम कर ले तू
बरसा अमृत की बूँदे अथाह प्रेम सागर से
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