Wednesday, 8 October 2014
शर्मीला चाँद
लो चाँद
उतर आया
मेरे अंगना
खेल रहा
आँख मिचोली
मेरे संग
है चांदनी रात
पिया मिलन
हाथों में हाथ
ओढ़े आँचल
हया का
खिड़की से
मुस्कुराया
वह
शर्मीला चाँद
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
View mobile version
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment