Monday, 13 July 2015
लाडो मेरी
लाडो मेरी ने
दी बिखेर खुशबू
आते ही
अंगना मेरे
महक उठा
घर का
कोना कोना
हुआ आगमन
नन्ही परी का
अंगना मेरे
आज
बिदाई की बेला में
आंसू भरे
नैनों में
दुल्हन बनी
लाडो जा रही
महकाने घर
अपने पिया का
छोड़ यादें अपनी
अंगना मेरे
रेखा जोशी
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