Tuesday, 9 February 2016
फूल उपवन में खिलने लगे मधुमास के आते ही
सपने मेरे महकने लगे
मधुमास के आते ही
फूल उपवन में खिलने लगे
मधुमास के आते ही
गुनगुनाने लगी हवायें झूम उठी फ़िज़ाये यहाँ
तार दिल के भी बजने लगे
मधुमास के आते ही
रेखा जोशी
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
View mobile version
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment