Wednesday, 28 September 2016
सजा दिये पुष्प मुझ पर
सँवर गया जीवन यहाँ
रहा अब ठूठ बन यहाँ
सजा दिये पुष्प मुझ पर
महकाते कण कण यहाँ
रेखा जोशी
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