Sunday, 18 January 2015
उड़ने लगी अब चाहतें लिए संग कई रंग
सुहानी चांदनी से यह भीगता मेरा तन
हसीन ख्वाबों के पंखों से उड़ता मेरा मन
उड़ने लगी अब चाहतें लिए संग कई रंग
नाचे यह मन मयूरा बांवरा हुआ तन मन
रेखा जोशी
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