Tuesday, 27 January 2015
न कोई था हमारा यहाँ पर
दूर हमसे जब किनारे हो गये
बदरंग सब जब नज़ारे हो गये
न कोई था हमारा यहाँ पर
हमारे तुम सहारे हो गये
रेखा जोशी
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