Sunday, 8 March 2015
दर्द से हुई यह आँखें हमारी नम सजन
मिले दुनियाँ से हमें
हज़ारों गम सजन
दर्द से हुई यह आँखें
हमारी
नम सजन
गम यहाँ पर ज़िन्दगी में तो है बहुत
मिले कभी ज्यादा कभी मिलते कम सजन
रेखा जोशी
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