Saturday, 21 March 2015
बिखरी यादें तेरी जाने कहाँ
यह
खामोशियाँ और तन्हाईयाँ
ढूँढती है तुम्हें यहाँ और वहाँ
बस अहसास है तेरे होने का
बिखरी यादें तेरी जाने कहाँ
रेखा जोशी
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