Tuesday 21 August 2018

आओ बनें इक दूजे के सहारे


पुष्पित उपवन यहाँ सुन्दर नज़ारे
आओ  बनें इक  दूजे  के  सहारे
तर्क वितर्क में आखिर क्या है रखा
हंसते    खेलते    जिंदगी   गुज़ारें

रेखा जोशी

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