Thursday 14 April 2022

क्षणिकाएं

क्षणिकाएं

मौत का 
सामान लिए हम
खेलते रहे
जी भर ज़िन्दगी से
उफ न की कभी
यूँही मुस्कुराते रहे
,
उम्र भर
प्यार किया
आग के शोलों से
चिंगारियों से
जलते रहे
कसम खुदा की
प्यार निभाया हमने

रेखा जोशी

Saturday 2 April 2022

सभी मित्रों को ''नवरात्रि ,नव संवत नव वर्ष "की हार्दिक शुभकामनाएँ 

जय माता दी

एक नाम ,एक ओमकार ,एक ही ईश्वर और हम सब उस परमपिता की संतान है जिसने हमे इस दुनिया में मनुष्य चोला दे कर भेजा है और धर्म एक जीवन शैली का नाम है ,धर्म के पथ पर जीवन यापन कर हम उस परमपिता परमात्मा को पा सकते है |''|रिलिजियन धर्म  का पर्यायवाची हो ही नही सकता ,जहाँ रिलिजियन में विभिन्न विभिन्न सुमदाय के लोग अपने ही ढंग से ईश्वर की पूजा आराधना करते है ,वहां धर्म जिंदगी जीने के लिए मानव का सही  मार्ग दर्शन कर इस अनमोल जीवन को सार्थक बना देता है |हमारे वेदों में  भी लिखा है ,''मानवता ही परम धर्म है '',और हम सब ईश्वर के बच्चे क्या एक दूसरे के साथ प्रेम से नही रह सकते ?क्यों हम विभिन्न सुमदायों में बंट कर रह गये है ?सोचने का विषय है |

जय माता दी

रेखा जोशी