Wednesday 24 April 2024
दोस्त
Sunday 21 April 2024
गीतिका
दिल मचलता रहा पर उनसे ना मुलाकात हुई बीता दिन इंतज़ार में अब तो सजन रात हुईं
रिमझिम बरसती बूंदों से है नहाया तन बदन
आसमान से आज फिर से जम कर बरसात हुईं
,काली घनी घटाओं संग चले शीतल हवाएँ उड़ने लगा मन मेरा ना जाने क्या बात हुई
झूला झूलती सखियाँ है पिया आवन की आस आए ना सजन मेरे बीती रैन प्रभात हुई
चमकती दामिनी गगन धड़के हैं मोरा जियरा
गर आओ मोरे बलम तो बरसात सौगात हुईं
रेखा जोशी
Friday 12 April 2024
ज़िन्दगी की तूलिका
Sunday 7 April 2024
आईना झूठ नहीं बोलता
Wednesday 3 April 2024
भयानक काली रात
Sunday 31 March 2024
भारत माँ को बचाना है
गीत
Saturday 30 March 2024
गीतिका
Thursday 21 March 2024
नव भोर
Wednesday 20 March 2024
आखिरी मुलाकात
होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं
Tuesday 19 March 2024
आधार छंद गीतिका
Saturday 16 March 2024
गीतिका
Wednesday 13 March 2024
उड़ते पंछी नील गगन पर
Monday 11 March 2024
मुक्तक
Saturday 9 March 2024
ज़िन्दगी का अर्थ हमको है सिखाया आपने
Thursday 7 March 2024
जय महाकाल
रिसते ज़ख्म
Wednesday 6 March 2024
दर्द का कोई धर्म नहीं होता
Wednesday 28 February 2024
प्यार का सफर
अथवा- 2122 1212 22
आधार छन्द- पारिजात
समांत अर
पदाँत - साजन
ज़िन्दगी प्यार का सफर साजन
चल पड़े प्यार की डगर साजन
नाच सागर रही किरण झिलमिल
चमक सूरज लिए प्रखर साजन
हाथ में हाथ ले चले दोनों
प्यार अपना रहे अमर साजन
हम नहीं प्यार को कभी भूलें
प्यार तुमसे बहुत मगर साजन
आज पूरे हुए पिया सपनें
लग न जाए कहीं नज़र साजन
रेखा जोशी
Sunday 25 February 2024
हूँ आस का दीपक
गीत
Wednesday 21 February 2024
गीत
गीत
रूठो ना हमसे तुम प्रियतम,आज साजन क्या हो गया
निभाई प्रीत दिल से हमने ,हाल.अपना क्या कर लिया
..
हैं बहारें खिली मधुबन में ,मौसम आज तड़पा रहा
गा रही हवाएं गीत मधुर, दिलअपना बस तुम्हारा रहा
बादल अँगना घिर घिर आया, छमाछम मींह बरसाया
निभाई प्रीत दिल से हमने ,हाल.अपना क्या कर लिया
..
जान चाहे ले लो हमारी, मगर दिल न तोड़ना कभी
तुम बिन जियें कैसे पिया, दूर हमसे जाना ना कभी
छोड़कर हमें चले कहां प्रियतम, दर्द इतना दे क्यों दिया
निभाई प्रीत दिल से हमने ,हाल.अपना क्या कर लिया
रेखा जोशी
Sunday 18 February 2024
गीत
Thursday 15 February 2024
आया ऋतुराज
आया ऋतुराज मौसम बहारों का
हौले हौले बह रही संगीतमय लहर
दे रही हिलोरे मदमस्त बसंती पवन
झूम रहे धरा पर पीले पीले फूल.
.
मन में उमंग लिये
उपवन में मुस्कुराते गुनगुना रहे भँवरे
लहराते धरा पर
खिलखिला रहे पीले पीले फूल
.
मौसम ने ली अंगड़ाई
छाया चहुँ ओर रंग बसंती
कुहक रही कोयलिया अंबुआ की डाल पे
खेतों खलिहानों में नाच उठी सरसों
इतरा रहे धरा पर पीले पीले फूल
.
मधुरस बिखेरता आया मधुमास
लहराये चुनरिया
पिया मिलन की आस
गोरी के आँचल तले
शरमा रहे पीले पीले फूल
.
रेखा जोशी
गीतिका
Wednesday 14 February 2024
परिचय
रेखा जोशी
जन्म : 21 जून 1950 ,अमृतसर
शिक्षा :एम् एस सी [भौतिक विज्ञान ]बी एच यू
आजीविका :अध्यापन ,के एल एम् डी एन कालेज फार वीमेन ,फरीदाबाद
हेड आफ डिपार्टमेंट ,भौतिकी विभाग [रिटायर्ड ]
कार्यकाल में आल इण्डिया रेडियो ,रोहतक से विज्ञान पत्रिका के अंतर्गत
अनेक बार वार्ता प्रसारण ,कई जानी मानी हिंदी की मासिक पत्रिकाओं में लेख
एवं कहानियों का प्रकाशन।
अन्य गतिविधिया :
1जागरण जंक्शन .काम पर ब्लॉग लेखन
२ ओपन बुक्स आन लाइन पर ब्लॉग लेखन
३ गूगल ओशन आफ ब्लीस पर रेखा जोशी .ब्लाग स्पॉट .काम पर लेखन
४ कई इ पत्रिकाओं में प्रकाशन
पता :
Rekha Joshi
565,Sector 16A
Faridabad
121002
Haryana