गीत
रूठो ना हमसे तुम प्रियतम,आज साजन क्या हो गया
निभाई प्रीत दिल से हमने ,हाल.अपना क्या कर लिया
..
हैं बहारें खिली मधुबन में ,मौसम आज तड़पा रहा
गा रही हवाएं गीत मधुर, दिलअपना बस तुम्हारा रहा
बादल अँगना घिर घिर आया, छमाछम मींह बरसाया
निभाई प्रीत दिल से हमने ,हाल.अपना क्या कर लिया
..
जान चाहे ले लो हमारी, मगर दिल न तोड़ना कभी
तुम बिन जियें कैसे पिया, दूर हमसे जाना ना कभी
छोड़कर हमें चले कहां प्रियतम, दर्द इतना दे क्यों दिया
निभाई प्रीत दिल से हमने ,हाल.अपना क्या कर लिया
रेखा जोशी
सुन्दर
ReplyDeleteसादर आभार आदरणीय 🙏
Deleteवाह! बहुत खूब।
ReplyDeleteसादर आभार 🙏
Deleteसच
ReplyDeleteएक के खफ़ा होने में दो जन खप जाते हैं.
सुन्दर रचना.
पधारें- तुम हो तो हूँ
सादर आभार आदरणीय
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