Wednesday 25 March 2020

हसीन लम्हे

सौगात में तुमने जो हमको दिये 

वोह हसीन लम्हे
जिनकी  खामोशी  से मिले हमें
अजब से सिलसिले
है आस दिल में अब  यही  बस
गुफ्तगू हो उनसे हमारी कभी
प्यार भरी शाम में  यूंहीं सदा
गुज़र  जाये ज़िन्दगी हमारी
पूरे हो जाए अरमान दिल के सारे
तेरी यादों के हसीन लम्हों में
जी लें हम यह ज़िन्दगी सारी
इन्हीं खूबसूरत पलों में
है पा ली जन्नत हमनें
इन्हीं खूबसूरत पलों में
काश ठहर जाए वक्त यहीं
और हम खोये रहें इन्हीं खूबसूरत पलों में
ज़िन्दगी भर के लिए

रेखा जोशी

ये जो है जिंदगी

वक्त कब गुज़र जाता है

 पता ही नहीं चलता, कैसे बंधी है

 हमारी ज़िन्दगी

 घड़ी की टिक टिक के साथ 

सुबह से शाम , रात से दिन

बस घड़ी की टिक टिक के संग

हम सब चलते जा रहे हैं 

समय को तो आगे ही 

चलते जाना है, 

जिंदगी का हर पल अनमोल है 

क्यों न फ़िर जियें इसे ज़िंदादिली से हम

रेखा जोशी

Monday 23 March 2020

गीतिका

मापनी
2122 2122 2122 212 

रात काली यह सुबह में आज ढलनी चाहिए
ज़िंदगी की शाम भी साजन सँभलनी चाहिए
….
राह में मिलते बहुत से लोग अपनी ही कहें
सोच अपनी भी यहाँ अब तो बदलनी चाहिए
इस जहाँ में प्यार की कीमत को’ई समझे नहीं
साज पर इक प्यार की धुन भी मचलनी चाहिए
….
बाँह मेरी थाम साजन ले चलो अब उस जहां,
चाह इक दूजे की ‘ भी तो आज फलनी चाहिए
जोश भर कर ज़िंदगी का अब मज़ा ले लो सजन
साथ लहरें भी नदी की अब उछलनी चाहिए

रेखा जोशी

Saturday 21 March 2020

करोना वायरस का भारत में निकलेगा दम


करोना  वायरस  का  भारत में  निकलेगा  दम 
चौदह घण्टों की अवधि में ही हो जाएगा खत्म 
.. 
करोना  कर  रहा  है तांडव  धरा पर खौफ का 
रहो अपने घर में कुछ दिन रखो न बाहर कदम 

अपने   बचाव  के  लिए  करो  यत्न हर सम्भव  
हाथ धों  के बार  बार  करो  उत्पात इसका कम 
.. 
हाथ मिलाना न  कभी तुम भूल से भी किसी से 
दूर  से  ही  नमस्ते  कर अभिवादन  करें हरदम 
.. 
रहेंगे  घर   रविवार   संग    अपने  परिवार  के 
टूटे गी  फिर समय शृंखला जनता कर्फ्यू उत्तम 

रेखा जोशी

Friday 20 March 2020

जनता कर्फ्यू उत्तम

करोना  वायरस  का  भारत में  निकलेगा  दम 
चौदह घण्टों की अवधि में ही हो जाएगा खत्म 
रहेंगे  घर   रविवार   संग    अपने  परिवार  के 
टूटे गी  फिर समय शृंखला जनता कर्फ्यू उत्तम 

रेखा जोशी 

Wednesday 18 March 2020

खुशी के दो चार पल

कितने सुहावने 
होते हैं खुशी के दो चार पल
महक उठता है जीवन का हर पल
इन्हीं दो चार पलों में 
मिलता है 
जब अपनों का साथ 
खिल उठता है 
तन मन अपना देख उनके  
लबों पर खिली खिली सी मुस्कान 
आओ करें कुछ 
ऐसा काम 
गम  के मारे लोगों को 
दे सकें थोड़ी सी खुशी 
लाएँ उनके 
होंठो पर भी  
इक प्यारी सी मुस्कान 

रेखा जोशी 



Tuesday 17 March 2020

सतरंगी आसमान

कल्पना की सीढ़ी पर
हो कर सवार
छू लिया आज सतरंगी
आसमान
खेलता छुपा छुपी
बादलों से कभी
बन मेघ कभी भिगो देता
आँचल धरा का
चुरा कर इन्द्रधनुष के
रँग कभी
सजाता मांग
अवनी की अपनी
कल्पना के सागर में
गोते लगाता
जमीं आसमान को
रंगीन बनाता
बरसाता ख़ुशी आसमान से
लहराती धरा पर
अमृत ले आता

रेखा जोशी

Monday 16 March 2020

क्रोध पर नियंत्रण

क्रोध पर नियंत्रण 

क्रोध सबको आता है लेकिन बात यह है कि क्रोध पर नियंत्रण कैसे पाया जाए भले ही क्रोध करना पूरी तरह सामान्य बात है लेकिन क्रोध ऐसी नकारात्मक शक्ति है, जो सारी अच्छाई को कुछ ही पल में खत्म कर देतीं है, क्रोध उस दोस्ती और भरोसे को तोड़ सकता है जिसे बनाने में हमें कई वर्ष लग जाते हैं l

हम सबके जीवन में असंतोष है, दुख है पीड़ा है, हम सब जानते हैं कि हमारा जन्म होता है, मृत्यु होती है और इस जीवन में कुछ अच्छा समय बीतेगा, कुछ बुरा भी बीतेगा,। जब हम इस संसार में पैदा हुए तो हमें किसी ने नहीं कहा था कि जीवन बहुत अच्छा और सरल होगा और लगातार हँसी-खुशी से भरा रहेगा, और सब कुछ ठीक वैसे ही होता जाएगा जैसा हम चाहेंगे।

इस संसार में लोगों या फिर अपने आप पर क्रोध करने से स्थिति में कोई सुधार नहीं होने वाला है। दूसरे लोग ऐसी बातें कह सकते हैं या ऐसे काम कर सकते हैं जो हमें पसंद न हो, यह जरूरी नहीं कि सब कुछ ठीक हमारी इच्छा के ही मुताबिक हो l

जब हम परेशान होते हैं तो हमारे लिए चीखना-चिल्लाना कितना आसान होता है? उस समय हमें क्रोध बहादुर और मज़बूत नहीं बनाता है – वह तो हमें कमज़ोर ही बनाता है । उस वक्त हमें धैर्य से काम लेना चाहिए और इस के लिए जब हमें लगे कि हम तनावग्रस्त हो रहे हैं, तो हम गहरे श्वास लेने चाहिए, यह तनावमुक्ति का सीधा सा उपाय है क्योंकि जब हम क्रोधित होते हैं तब हम जल्दी-जल्दी और छोटे श्वास लेते हैं। हम धीरे-धीरे 100 तक गिनती गिन सकते हैं, ऐसा करके हम अपने आप को ऐसा कुछ कहने से रोक सकते हैं जिसका हमें बाद में अफसोस करना पड़े। या, यदि हम ऐसी स्थिति में हों जहाँ सीधे झगड़ा होने वाला हो, तो हम बात के बिगड़ने से पहले अपने आप को वहाँ से अलग कर सकते हैं।

हर स्थिति दूसरी स्थितियों से अलग होती है, इसलिए आपको अपने विवेक से काम लेना चाहिए कि किस स्थिति में क्या करना सबसे अच्छा रहेगा।

क्रोध हमें तनाव और दुख देता है, हमारी नींद और हमारी भूख को हर लेता है। यदि हम किसी व्यक्ति के प्रति क्रोधित ही बने रहें, तो इससे हमारे बारे में उसके मन में एक गुस्सैल व्यक्ति की स्थाई छवि बन जाती है, और सच्चाई तो यह है: क्रोधी स्वभाव वाले किसी व्यक्ति के साथ कौन रहना पसंद करता है?

ध्यान और योग का अभ्यास हमें क्रोध से छुटकारा दिला कर हमें शांति और विनम्रता प्रदान कर सकता हैl

जिस भी व्यक्ति से हम नाराज़ होते हैं वह हमारे लिए बहुत मूल्यवान है क्योंकि वह हमें धैर्य का अभ्यास करने का अवसर प्रदान करता धैर्य से क्रोधाग्नि को शांत किया जा सकता है l

जब हम क्रोधित होते हैं, उस समय हमारे अंदर “मैं की भावना आती है, इसका अर्थ यह नहीं कि हमारा कोई अस्तित्व नहीं है, हमारा अस्तित्व है लेकिन अहम नहीं होना चाहिए, इससे हमें यह ज्ञान हो जाता है कि ऐसा कुछ था ही नहीं जिसके लिए इतना क्रोध करना चाहिए l

रेखा जोशी

Friday 13 March 2020

मुक्तक

रखो  स्वच्छ  घर  का अपने हरेक कोना 
सम्भल  के रहना  लेकिन  इससे डरो ना
हाथ मिलाना छोड़ करो सभी को नमस्ते
फैला  हुआ  है  जग  में  वायरस  करोना 

करोना  वायरस  का  भारत में  निकलेगा  दम 
चौदह घण्टों की अवधि में ही हो जाएगा खत्म 
.. 
करोना  कर  रहा  है तांडव  धरा पर खौफ का 
रहो अपने घर में कुछ दिन रखो न बाहर कदम 

अपने   बचाव  के  लिए  करो  यत्न हर सम्भव  
हाथ धों  के बार  बार  करो  उत्पात इसका कम 
.. 
हाथ मिलाना न  कभी तुम भूल से भी किसी से 
दूर  से  ही  नमस्ते  कर अभिवादन  करें हरदम 
.. 
रहेंगे  घर   रविवार   संग    अपने  परिवार  के 
टूटे गी  फिर समय शृंखला जनता कर्फ्यू उत्तम 

रेखा जोशी
रेखा जोशी 

Monday 9 March 2020

होली की हार्दिक शुभकामनाएं

होली की हार्दिक शुभकामनाएं 

उपवन सजा हुआ है अब फूल मुस्कुराएं 

हम  आज  गीत  गाएँ  होली मिल मनाएं 

छाई  बहार मौसम भी है खिला खिला सा

है  रंग छलकते भूलें शिकवे गले लगाएं 

रेखा जोशी


 


Tuesday 3 March 2020

मुक्तक

अपनी   अपनी  बोल  रहे  होकर  सब   बेहाल
आओ मिलकर हम सभी बदले वतन का हाल
बन   आग  टूट  पड़े  करें  बरबाद  दुश्मन  को
है   काफी   इक   चिंगारी  जलाने  को  मशाल

रेखा जोशी