Thursday 29 December 2022

अलविदा 2022 स्वागत 2023


सूरज की पहली किरण
देती दिलासा उम्मीद का
धीरे धीरे ढल जाती
खूबसूरत भोर सुनहरी शाम में
सुबह शाम से बँधी
यूँही चलती रहती यह जिंदगी 
वर्ष दर वर्ष जाते बीत 
लो  फिर आया 
शोर मचाता नववर्ष 
हर्षोल्लास लाया नववर्ष 

बीत गया इस जीवन चक्र में
एक और वर्ष
देकर कुछ खुशियाँ और ग़म 
यही तो है ज़िंदगी रहती फिसलती
हम सबके हाथों से
करते अब अलविदा बीते वर्ष को
करें अभिनंदन नव भोर का 
लो फिर आया 
शोर मचाता नववर्ष 
हर्षोल्लास लाया नववर्ष 

देखो
बाहें फैलाये आगे खड़ा नववर्ष
उम्मीद और आस जगाता
नव स्वप्न दिखाता
आओ मिल करें स्वागत इसका
गीत खुशी के गायें और उत्सव मनाएँ
लो फिर आया 
शोर मचाता  नववर्ष 
हर्षोल्लास लाया नव वर्ष 

रेखा जोशी

Saturday 17 December 2022

नारी तो केवल है श्रद्धा

नारी तो केवल है श्रद्धा 

नारी शक्ति है शिव की 
प्रेरणा है पुरुष की 
अधूरे है दोनों इक दूजे के बिना 
फिर भी होती समाज में नारी ही सदा
अपमानित पड़ताड़ित और तिरस्कृत 
माँ बेटी बहन, बन पत्नी सदा 
संवारती जीवन पुरूष का
न जाने क्यों टकराता 
अहम उसका नारी से 
समझ पाता काश यह पुरुषों का समाज 
नारी तो केवल है श्रद्धा 
और मूरत त्याग की 
निछावर  कर देतीअपना सारा जीवन 
अपने परिवार  पर 

रेखा जोशी