Wednesday 30 June 2021

जिंदगी कुछ सवाल हैं तुझसे

जिंदगी तुमसे कोई शिकायत तो नहीं

लेकिन कुछ सवाल हैं तुझसे

ऐसी क्या ख़ता हुई जो

सारे जहां का दर्द दिया मुझे

गैरों से क्या गिला शिकवा

अपनों से ही मिला धोखा हमें

हमने तो बिछाये थे राहों पर फूल

फिर कांटों का सिला क्यों मिला हमें

जिनको समझा था अपना हमने 

था प्यार किया  कभी हमने

निकले फरेबी अपने ही 

सिवा आसुओं के कुछ न मिला 

न समझा किसे ने भी हमें

किससे करें शिकायत

कैसे जियें जीवन यह हम 

कोई भी  तो नहीं हमारा इस जहां में

कोई भी  तो नहीं हमारा इस जहां में

रेखा जोशी

Wednesday 23 June 2021

ओम की महिमा


ॐ के जाप से जहां मन को शांति मिलती है वहीं इसके उच्चारण से हमारे पूरे शरीर में इसकी ध्वनि गूंजती है, ॐ के उच्चारण से ही शरीर के अलग अलग भागों मे कंपन शुरू हो जाती है जैसे की ‘अ’:- शरीर के निचले भाग में पेट के पास कंपन करता है. ‘उ’– शरीर के मध्य भाग में कंपन होती है जो की छाती.के पास ‘म’ शरीर के मस्तिष्क में कंपन करता है, ॐ शब्द के उच्चारण से कई शारीरिक, मानसिक, और आत्मिक लाभ मिलते हैं. अमेरिका के एक FM रेडियो पर सुबह की शुरुआत ॐ शब्द के उच्चारण से ही होती है. l वेदों के अनुसार जिस सनातन सत्य की महिमा का वर्णन किया गया है विज्ञान धीरे-धीरे उससे सहमत होता नजर आ रहा है।धार्मिक मान्यताओं में तो ओम को महामंत्र माना ही जाता है, वैज्ञानिकों के अनुसार भी हमारे पूरे ब्रह्मांड में ओम की गुंजन जैसी ध्वनि रिकार्ड की गई है l ओम का उच्चारण एक गूँगा भी कर सकता है, यहां तक कि स्पीच थेरेपी में भी इसका उच्चारण करवाया जाता है l

रेखा जोशी


Friday 4 June 2021

चौपाई

आस पास हैं  ईश  हमारे
चले आना जब भी पुकारें

राम नाम हृदय में बसाया
कुछ नहीं अब हमे है भाया
..
आस पास हैं  ईश  हमारे
चले आना जब भी पुकारें
...
सीताराम भजो मन प्यारे 
दुखियों के सब कष्ट निवारे
..
 भगवन जिसके ह्रदय समाये 
 पीड़ा रोग पास ना आये
दीन बंधु सबका रखवाला 
कर कृपा अपनी नंदलाला
..
एक ही सहारा प्रभु नाम का 
पी ले प्याला राम नाम का
....
राम नाम घट घट का वासी 
चारो धाम ह्रदय में काशी
..
मन के तार प्रभु से मिला ले 
है भक्तों के राम रखवाले
दुख निवारे हरे सब पीड़ा 
राखो मन अपने रघुवीरा
.
दे दो प्रभु तुम हमे सहारे 
मीत बनो तुम ईश हमारे

रेखा जोशी

उजाला मेहरबाँ हुआ

आफताब को छू कर

आफताब हुआ

अंधेरा था छाया

उजाला मेहरबाँ हुआ

भर ली उड़ान पंछियों ने

मुस्कुराने लगे फूल

चहकने लगी बुलबुल

गुलशन गुलज़ार हुआ

हवा के शीतल झोंको से

सिहर उठा तन मन

आफताब होने से

सारा जहां रौशन हुआ

रेखा जोशी

Thursday 3 June 2021

प्रकृति का गीत संगीत

प्रकृति का मधुर गीत है पर्यावरण

वनसम्पदा का प्रतीक  है पर्यावरण 

,,

चहकते पंछी कुहुकती कोयलिया

छलकते झरने औ महकती बगिया

वसुधा  का ये  सँगीत है  पर्यावरण

,,

अटकी हैं सांसे  शहर धुआँ धुआँ

प्रदूष्ण  के जाल  में  लिपटी  धरा

आओ बचाएँ धरती का आवरण

,,

कटे  पेड़   सूना  अंगना  धरा का

है छलनी हुआ ह्रदय धरती माँ का

है  पंछी भटक  रहे  धूमिल  गगन

,, 

आओ रूप वसुधा का मिल निखारें

सूनी  धरा  में   खुशियाँ  नई  बो दें

खेत खलिहान  गुनगुनाता पर्यावरण

,,

प्रकृति का मधुर गीत है पर्यावरण

वनसम्पदा का प्रतीक  है पर्यावरण 

रेखा जोशी