Wednesday, 20 September 2023

मुक्तक

मुक्तक 

आओ मिल कर ज़िंदगी में करें सबसे हम प्यार
जीवन में अपनी गलतियों को करें हम स्वीकार 
हो जाती गलती किसी से क्योकि हम है इंसान 
क्षमा करें दिल से किसी को करें खुद पर उपकार

रेखा जोशी

Thursday, 7 September 2023

ओम सत्य स्वरूप

गीतिका
आधार छन्द - मंगलमाया(11,11 पर यति)

समांत अन ,अपदांत

भज ओम नाम बन्दे, शान्त करे ये मन
ध्वनि गूंजती जब, भये कम्पित तब तन
..
वेदों की ऋचाएं, ओम सत्य स्वरूप
महिमाओम की है, सदा परम सनातन
..
ओ उ म में समाया, सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड
कर ले गूंगा भी , ओम नाम उच्चारण
..
जपे जो ओम नाम, हुआ उसका कल्याण
ओम रूप साकार,, ओम ही है निर्गुण 

ओम नाम काट दे, ,जग में सब के पाप
कण कण में गूंजे, ओम नाम की गुंजन 

रेखा जोशी

Monday, 28 August 2023

क्षणिकाएँ

क्षणिकाएँ 
ओ पंछी छोड़ पिंजरा 
भर ले उड़ान 
नील गगन में 
सांस ले तू
उन्मुक्त खुली हवा में 
तोड़ बंधन 
फैला कर पँख 
ज़मीं से अम्बर 
छू लेना तुम 
अनछुई ऊँचाईयाँ
………………
बहता पानी नदिया का 
चलना नाम जीवन का 
बहता चल धारा संग 
तुम में रवानी
है हवा सी 
खिल उठें वन उपवन 
महकने लगी बगिया 
रुकना नही चलता चल 
................ 
3
खिलती है 
कलियाँ 
महकती है 
बगिया 
बिखरती रहे 
महक 
दोस्ती की 
बनी रहे दोस्ती 
हमारी सदा 
रेखा जोशी

Wednesday, 9 August 2023

ज़िन्दगी गुज़र गई

देखते ही देखते 
ज़िन्दगी गुज़र गई
वही  है धरती
आसमां भी वही
वक्त के साथ
तस्वीर अपनी बदल गई
कभी-कभी 
देखते हैं मुड़ के पीछे 
क्या खोया क्या पाया 
ज़िन्दगी में हमने 
दिखाई देती है कुछ 
धुंधली सी परछाइयाँ 
याद आते ही 
आँखे नम हो गई 
था सुहाना बचपन 
बेफिक्र मौज मस्ती का आलम 
कब आई जवानी कब बीता बचपन 
हवा के झोंके सी उम्र निकल गई 
देखते ही देखते 
ज़िन्दगी गुज़र गई 

रेखा जोशी

Wednesday, 2 August 2023

दोहे, भारत रहा पुकार

 रेखा जोशी

उठो सपूतों देश के , भारत रहा पुकार ।

भारत पर तुम मर मिटो ,हो जाओ तैयार ॥

आन बान पर देश की ,लाखों हुये शहीद ।

सीमा पर उत्सव मने ,क्या होली क्या ईद ॥

भारत सीमा पर खड़े ,तन कर वीर जवान ।

आँच न आए देश पे ,हो जायें कुरबान ॥

हमारी जन्म भूमि की ,माटी है अनमोल ।

लगाएँ माटी से तिलक नाही इसका मोल ॥

पावन सबसे भूमि ये, झुका रहे हैं शीश l

रक्षा सदा इसकी करें, प्रभु देना आशीष ll

Sunday, 23 July 2023

ज़िंदगी को मुस्कुराना आ गया....

आप को वादा निभाना आ गया 
ज़िंदगी को मुस्कुराना आ गया
.... 
गीत गाते यह नज़ारे आज तो 
अब हमें भी गुनगुनाना आ गया 
..... 
यह बहारे यह समय ठंडी हवा 
आज दिल को खिलखिलाना आ गया 
.... 
चाँद उतरा अब हमारे अंगना 
रोशनी को झिलमिलाना आ गया 
.... 
रूठ कर साजन न तुम जाना कहीं 
प्यार में हम को मनाना आ गया 

रेखा जोशी

Saturday, 8 July 2023

चिर प्यास मेरी

ख़्वाबों के महल में
करना चाहती कैद
धूप को
जगमगा उठे वहाँ 
कोना कोना
रोशन हो जायें दीवारे वहाँ
इन्द्रधनुष के रंगों से
खिलखिलाये जहाँ
महकती खुशियाँ
हूँ जानती सजे गा इक दिन
मेरा सपनो का महल
और बुझे गी इक दिन
चिर प्यास मेरी
नहीं ओस की बूँदों से
भर जाये गा तब
मेरे अंतर्मन का
घट अमृत की
बूँद बूँद से

रेखा जोशी