Thursday, 15 February 2024

आया ऋतुराज

आया ऋतुराज मौसम बहारों का

हौले हौले बह रही संगीतमय लहर

दे रही हिलोरे मदमस्त बसंती पवन

झूम रहे धरा पर पीले पीले फूल.

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मन में उमंग लिये

उपवन में मुस्कुराते गुनगुना रहे भँवरे

लहराते धरा पर

खिलखिला रहे पीले पीले फूल

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मौसम ने ली अंगड़ाई

छाया चहुँ ओर रंग बसंती 

कुहक रही कोयलिया अंबुआ की डाल पे

खेतों खलिहानों में नाच उठी सरसों

इतरा रहे धरा पर पीले पीले फूल

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मधुरस बिखेरता आया मधुमास

लहराये चुनरिया

पिया मिलन की आस

गोरी के आँचल तले

शरमा रहे पीले पीले फूल

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रेखा जोशी

13 comments:

  1. स्वागतम् सुस्वागतम् ऋतुराज का है स्वागतम्।
    अति मनभावन रचना।
    सादर।
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    जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना शुक्रवार १६ फरवरी २०२४ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

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    1. सादर आभार आदरणीया 🙏🌹

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  2. मनमोहक सृजन ।

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  3. बहुत ही सुन्दर मनभावन सृजन
    वाह!!!

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    1. शुक्रिया जी 🙏🙏

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    2. शुक्रिया जी 🙏🙏

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  4. बहुत सुंदर

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