आया ऋतुराज मौसम बहारों का
हौले हौले बह रही संगीतमय लहर
दे रही हिलोरे मदमस्त बसंती पवन
झूम रहे धरा पर पीले पीले फूल.
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मन में उमंग लिये
उपवन में मुस्कुराते गुनगुना रहे भँवरे
लहराते धरा पर
खिलखिला रहे पीले पीले फूल
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मौसम ने ली अंगड़ाई
छाया चहुँ ओर रंग बसंती
कुहक रही कोयलिया अंबुआ की डाल पे
खेतों खलिहानों में नाच उठी सरसों
इतरा रहे धरा पर पीले पीले फूल
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मधुरस बिखेरता आया मधुमास
लहराये चुनरिया
पिया मिलन की आस
गोरी के आँचल तले
शरमा रहे पीले पीले फूल
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रेखा जोशी
स्वागतम् सुस्वागतम् ऋतुराज का है स्वागतम्।
ReplyDeleteअति मनभावन रचना।
सादर।
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जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना शुक्रवार १६ फरवरी २०२४ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
सादर
धन्यवाद।
सादर आभार आदरणीया 🙏🌹
Deleteसुन्दर
ReplyDeleteशुक्रिया जी
Deleteमनमोहक सृजन ।
ReplyDeleteशुक्रिया जी 🙏🙏
Deleteबहुत ही सुन्दर मनभावन सृजन
ReplyDeleteवाह!!!
शुक्रिया जी 🙏🙏
Deleteशुक्रिया जी 🙏🙏
Deleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteशुक्रिया जी 🙏🙏
Deleteबेहतरीन रचना
ReplyDeleteशुक्रिया जी 🙏🙏
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