आधार छन्द- रास छंद
8,8,6 पर यति इसमें चार चरण होते हैं
हर चरण में 22 मात्राएं होती हैं
चरण के अंत में 112 अनिवार्य है
दो क्रमागत पंक्तियों में तुकांत होते हैं
अँगना चिड़िया, है फुदक रही, चहक रही
चुरा के महक, फूलों से मैं, महक रही
..
पिया न आए, हिय घबराये ,दिल धड़के
जियरा चाहे, देखूँ उनको, जी भर के
मदमस्त समां, ली अँगड़ाई , बहक रही
आओ सजना,कोयल भी अब, कुहक रही
चुरा के महक, फूलों से मैं, महक रही
.
काली काली ,घटा घनघोर, घन बरसे
अब तो आजा, साँवरे पिया,मन तरसे
भीगा मौसम ,सर से चुनरी, सरक रही
चमके बिजुरी,आसमान पर,दमक रही
चुरा के महक, फूलों से मैं, महक रही
..
अँगना चिड़िया, है फुदक रही, चहक रही
चुरा के महक, फूलों से मैं, महक रही
रेखा जोशी
No comments:
Post a Comment