आधार छंद- गीतिका
2122 2122 2122 212
ज़िन्दगी का अर्थ हमको है सिखाया आपने
दिल हमारे आस का दीपक जगाया आपने
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ज़िन्दगी की ठोकरों से टूट थे हम तो गए
फिर नया इक जोश सा हमको दिलाया आपने
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मुस्कुराना ज़िन्दगी में भूल हम तो थे गए
आज जीवन की ख़ुशी से फिर मिलाया आपने
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भर दिए वो ज़ख्म सारे जो दिए थे ज़िन्दगी
प्यार में हमको पिया अपना बनाया आपने
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फूल मुरझाये कभी थे प्यार के उपवन पिया
प्यार की बरसात ने उनको खिलाया आपने
रेखा जोशी
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