हे शिव शम्भू
जय महाकाल
पा कर सान्निध्य तेरा
हुई धन्य मैं त्रिपुरारि
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जगत के हों पालनहार
शीश झुकाएं तेरे द्वार
और नहीं कुछ चाहिए
तुम्हीं तो हो तारणहार
नाम लेकर तेरा
हुई धन्य मैं, त्रिपुरारि
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डम डम डम
जब डमरू बाजे
ताल पर इसकी हर कोई नाचे
सर्प हार गले पर साजे
शशिधरण का रूप निराला
आई शंभू मैं तेरे द्वार
पा कर सान्निध्य तेरा
हुई धन्य मैं त्रिपुरारि
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गरल पान करने वाले
दुखियों के दुख हरने वाले
भोले बाबा,भोले भण्डारी
कृपा करो कृपानिधान
पाकर आशीष तेरा
हुई धन्य मैं,त्रिपुरारि
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हे शिव शम्भू
जय महाकाल
पा कर सान्निध्य तेरा
हुई धन्य मैं त्रिपुरारि
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रेखा जोशी
बहुत बढ़िया
ReplyDeleteसादर आभार आदरणीय 🙏🙏
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