Saturday, 30 March 2024

गीतिका

गीतिका 

आधार छंद- सार 
विधान- कुल २८ मात्रा, १६,१२ पर यति। अन्त में गुरु गुरु अनिवार्य।
समांत आना पदाँत होगा 

बहुत किया इंतजार तेरा, तुमको आना होगा 
सोया भाग्य मेरा भगवन, तुम्हें जगाना होगा 
..
हूँ अकेली इस जगत में प्रभु, कोई नहीं सहारा 
बीच भंवर डूब रही नाव, तुम्हें बचाना होगा 
..
ना कोई है संगी साथी, जीवन से मैं हारी 
निर्जन राह पर चलती रही, साथ निभाना होगा 
..
सूना पथ पाँव पड़े छाले, भगवन किसे पुकारूँ 
कोई नहीं तुम बिन मेरा,गले लगाना होगा 
..
हे दीन दयाला प्रभु मेरे, रक्षा करो तुम मेरी
तुम ही तुम रखवाले मेरे, पास बुलाना होगा 

रेखा जोशी 

..






No comments:

Post a Comment