जीवन में कुछ दोस्त
इस कदर जुड़ जाते हैँ और जिंदगी जीना फिर से
सिखला जाते हैँ
..
जब गम के अंधेरों में
भटकते हैं तन्हा
तब पोंछने को आंसू
कुछ दोस्त चले आते हैँ
और फिर से
मुस्कुराना सिखला जाते हैँ
और जिंदगी जीना फिर से
सिखला जाते हैँ
..
खुशनसीब हैँ वो लोग
जिन्हें मिलते हैँ सच्चे दोस्त
जो कांधे पर रख हाथ अपना
जीवन के मुश्किल दौर से
बाहर ले आते हैँ
अक्सर ऐसे दोस्त सुख दुख में
सदा साथ निभाते हैँ
और जिंदगी जीना फिर से
सिखला जाते हैँ
रेखा जोशी
सराहनीय रचना
ReplyDeleteशुक्रिया Onkar जी
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