जीवन में
आ जाती बहार
जो तुम आ जाते एक बार
..
सूना सूना अंगना
बिन तेरे सुन प्रियतम मेरे
रूठ गया जैसे सारा संसार
जो तुम आ जाते एक बार
..
लोचन व्याकुल
राह निहार रहे तेरी
हर आहट पर
पागल नैना ढूँढे तुम्हें
तरस रहे तेरा दीदार
जो तुम आ जाते एक बार
..
भोर हुई
न आए तुम
समाये रहे नैनों में तुम
रही बदलती करवटें
करती रही
रात बस तेरा इंतज़ार
जो तुम आ जाते एक बार
रेखा जोशी
ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 23/06/2019 की बुलेटिन, " अमर शहीद राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी जी की ११८ वीं जयंती - ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद shivam ji
Deleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (25-06-2019) को "बादल करते शोर" (चर्चा अंक- 3377) पर भी होगी।
ReplyDelete--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
हार्दिक आभार आपका आदरणीय 🙏
Deleteबहुत खूब
ReplyDeleteइंतजार ने कविता रच दी.
ReplyDelete🙏 🙏 Thanks
Deleteबहुत बढ़िया
ReplyDeleteसादर आभार आपका 🙏
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