Wednesday 8 April 2020

जिंदगी

माना दर्द भरा संसार यह ज़िंदगी
लेकिन फिर भी है दमदार यह ज़िंदगी
,
आंसू  बहते  कहीं  मनाते जश्न  यहां
सुख दुख देती हमें अपार यह ज़िंदगी
,
रूप जीवन का बदल रहा पल पल यहां 
लेकर नव रूप करे सिंगार यह जिंदगी 

ढलती शाम डूबे सूरज नित धरा पर 
आगमन भोर का आधार यह ज़िंदगी
,
चाहे मिले ग़म खुशियां मिली है हज़ार 
हर्ष में खिलता हुआ प्यार यह ज़िंदगी

रेखा जोशी

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