Sunday 17 May 2020

है ह्रदय हमारे समाया स्वदेशी

बहुत देखे हमने परिधान विदेशी
है  पहनते  हम  पहनावा स्वदेशी 
,
दूर देश समुन्दर पार घूम आये
है  ह्रदय  हमारे समाया स्वदेशी
,
भांति भांति के हमने खाये व्यंजन
भोजन हमें घर का भाया स्वदेशी
,
जियेंगे  मरेंगे हम देश की खातिर 
गगन  में तिरंगा लहराया स्वदेशी
,
करें हम सलाम उन वीर जवानों को 
है खून  जिन्होंने  बहाया  स्वदेशी

रेखा जोशी

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