Monday 8 February 2016

मुस्कुराती बहारें खिली अब यहाँ

.प्यार की महक छाने लगी अब यहाँ 
गुनगुनाती खुशियाँ  मिली अब यहाँ  
.... 
हाथ थामें पिया का चले  जा रहे 
रात बगिया रही महकती अब यहाँ 
.... 
ज़िंदगी गा रही प्यार के गीत अब 
मुस्कुराती बहारें खिली  अब  यहाँ 
..... 
दीप अब जगमगाने लगे इस राह 
आज  रोशन हुई ज़िंदगी अब यहाँ 
.... 
 छोड़ कर आज दामन न जाना सजन 
प्यार में ज़िंदगी बहकती अब यहाँ  

रेखा जोशी 

No comments:

Post a Comment